गन्ने की खेती : cane up.in, cane up in, up cane , caneupin, caneup.in, enquiry.caneup.in, ganna parchi 2024 25 , caneup , www caneup.in
गन्ना बोते समय बरतें सावधानी उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी संजीव कुमार पाठक ने मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जानकारी देते हुए बताया कि गन्ना बोते समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए। क्योंकि जो बीज एक बार बोया जाता है, उससे निकलने वाला पौधा कम से कम 2 साल तक खेत में रहता है। गन्ना बोते समय खेत की अच्छी तरह से जुताई करें। मिट्टी उपचार के साथ ही बीज को उपचारित करने के बाद वैज्ञानिक विधि से गन्ना बोएं। जिससे किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सके।
खेत कैसे तैयार करें
प्रसार अधिकारी संजीव कुमार पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि गन्ना बोने के लिए खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें। सबसे पहले खेत की मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई कर लें। उसके बाद डिस्क हैरो और फिर कल्टीवेटर चलाकर खेत की मिट्टी को भुरभुरा कर लें। उसके बाद पाटा चलाकर खेत को समतल कर लें। खेत की गहरी जुताई करने से जड़ें गहरी जाएंगी। गन्ने का पौधा लंबा होता है, इसलिए जड़ें गहरी जाने पर पौधा मजबूती से खड़ा रहेगा।
बीज चुनते समय सावधान रहें
गन्ने की फसल लगाते समय बीज का चयन करना बहुत जरूरी है। अगर बीज अच्छा होगा तो अच्छा पौधा उगेगा और किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा। गन्ने का बीज तैयार करते समय गन्ने का ऊपरी दो तिहाई हिस्सा ही काटें क्योंकि ऊपरी हिस्से में चीनी की मात्रा कम होती है। पानी की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में गन्ने का अंकुरण बेहतर होता है और उगने वाले पौधे स्वस्थ होते हैं।
गन्ने की खेती से पहले करें ये काम
बीज को उपचारित करके गन्ना बोने से भूमिगत कीटों और बीमारियों से बचाव होता है। गन्ने के पौधे स्वस्थ रहते हैं। बीज को उपचारित करने के लिए 112 लीटर पानी में कार्बेन्डाजिम मिलाकर घोल बना लें और उसमें एक या दो आँख वाले गन्ने के टुकड़े डुबो दें। कुछ समय बाद गन्ने के टुकड़े निकालकर बो सकते हैं।
कौन सी विधि से बोयें?
बीज उपचार और खेत की तैयारी के बाद ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई करें। बुवाई के लिए ट्रेंच ओपनर से 1 फीट चौड़ी और 20 से 25 मीटर गहरी खाई बनाएं। उसके बाद खाई में 5 बैग एनपीके, 40 से 45 किलो यूरिया और 30 से 35 किलो पोटाश फैला दें। उसके बाद खाई में 1 मीटर की लाइन में एक दूसरे के समानांतर दो आंखों वाले 5 टुकड़े रखें, इसी तरह खाई में दूसरी लाइन में भी 5-5 टुकड़े रखें। यानी 1 मीटर लंबी खाई में 10 टुकड़े रखें, ऐसा करने से अंकुरण बेहतर होगा।
कीटनाशकों का भी प्रयोग करें
गन्ने की फसल को भूमिगत कीटों से बचाने के लिए फिप्रोनिल 0.3% 20 किग्रा प्रति हेक्टेयर तथा क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी. 5 लीटर को 1875 लीटर पानी में घोल बनाकर नाली में डालें। इसके बाद गन्ने के टुकड़ों के ऊपर दो से तीन सेंटीमीटर मिट्टी चढ़ा दें। ट्रेंच विधि से बुवाई करने पर 70 से 75% अंकुरण होता है, जबकि सामान्य विधि से बुवाई करने पर 40 से 45% ही अंकुरण होता है।