गन्ने का सबसे ख़तरनाक रोग, पौधा न लंबा होता है न मोटा, देखें इसका इलाज

गन्ने का सबसे ख़तरनाक रोग : किसान भाई आपको बता दे की देश के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है। इन दिनों यूपी के कुछ इलाकों में गन्ने की फसल सूखे की बीमारी से ग्रसित है। ऐसे में फसल को इस बीमारी से बचाना जरूरी है, ताकि पैदावार और मुनाफा प्रभावित न हो।

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गन्ने का सबसे ख़तरनाक रोग

मीडिया रिपोर्टस के मुताबबक गन्ना भारत की प्रमुख फसलों में से एक है। चीनी और इथेनॉल बनाने के लिए देश में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है। ऐसे में किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाली उपज पाने के लिए फसल को बीमारियों से बचाने की जरूरत है, ताकि उन्हें फसल का सही दाम मिल सके। जानिए ऐसी ही एक बीमारी के बारे में जिसकी वजह से आपकी फसल बर्बाद हो सकती है। ज्यादा गर्मी की वजह से गन्ने की फसल पर ‘सूखा रोग’ का खतरा बढ़ जाता है। गन्ना किसानों को इस बीमारी को लेकर खास सावधानी बरतनी चाहिए।

गन्ने का ऊपरी हिस्सा सूखने लगता है

सूखा रोग में गन्ने पर तेज धूप पड़ने से फसल का ऊपरी हिस्सा सूखने लगता है और गन्ना उग नहीं पाता। अगर इस रोग का समय पर उपचार न किया जाए तो पूरी फसल खराब हो सकती है। गन्ने की फसल को इस रोग से बचाने के लिए सिंचाई के साथ-साथ दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। गन्ने से अच्छा मुनाफा पाने के लिए सही पैदावार मिलना जरूरी है। ऐसे में गन्ने का पूरा विकास और उसकी मोटाई ज्यादा होनी चाहिए।

इस दवा का छिड़काव करें

गन्ने में सूखा रोग लगने पर उसकी लंबाई और मोटाई बढ़ना बंद हो जाती है और कुछ समय बाद फसल सूख जाती है। इस स्थिति में गन्ने की पैदावार कम होती है और किसानों को नुकसान होता है। गन्ने को इस रोग से बचाने के लिए फसल की नियमित देखभाल करना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार अगर गन्ने के ऊपरी हिस्से में यह रोग दिखे तो शाम के समय सिंचाई कर देनी चाहिए। इमिडाक्लोप्रिड को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर शाम के समय सिंचाई के साथ गन्ने की फसल पर दो बार छिड़काव करने से फसल में सूखा रोग खत्म हो जाएगा और गन्ने का सही विकास होगा।

कई जगहों पर मामले सामने आ रहे हैं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गन्ने की फसल पर सूखा रोग और लाल सड़न रोग के मामले सामने आए हैं। पिछले कुछ समय से गन्ने में यह रोग तेजी से फैल रहा है। इससे आशंका है कि यहां गन्ने का उत्पादन कम होगा और किसानों को बची हुई उपज कम दाम पर बेचनी पड़ेगी। इलाके के किसानों का कहना है कि अब एक बीघा जमीन से सिर्फ 30 से 40 क्विंटल गन्ना ही निकल पाएगा। सूखा रोग के कारण कई किसानों की 20 से 30 फीसदी फसल बर्बाद हो गई है।

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