गन्ने : किसान भाई आपको बता दे की गन्ने की फसल की पत्तियां विल्ट रोग के कारण पीली पड़ जाती हैं। इसे विल्ट रोग भी कहते हैं। इस रोग के शुरुआती लक्षणों में फसल की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। जिसके बाद ये पत्तियां सूखकर गिर जाती हैं।
गन्ने की पत्तियां पीली होकर सूखने लगती हैं, जिससे किसानों को काफी परेशानी होती है। इससे फसल उत्पादन में कमी आ सकती है। कई किसानों ने इसकी शिकायत भारतीय अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम से की है। जिसके बाद वैज्ञानिकों ने किसानों को इस बीमारी के कारणों और इससे बचाव के उपायों के बारे में बताया।
इन कारणों से पीली हो जाती हैं गन्ने की फसल की पत्तियां
विल्ट रोग के कारण गन्ने की फसल की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। जिसे विल्ट रोग भी कहते हैं। इस रोग के शुरुआती लक्षणों में फसल की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। जिसके बाद ये पत्तियां सूखकर गिर जाती हैं। इसके अलावा कम आर्द्रता, कम वर्षा, मिट्टी में नमी, अधिक तापमान जैसे कारणों से भी गन्ने की फसल प्रभावित होती है।
गन्ने की फसल को पीला होने और सूखने से बचाने के उपाय
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि खेत की मिट्टी की जांच कराकर पीलापन और सूखने की बीमारी का पहले ही पता लगाया जा सकता है। बीमारी के बारे में पहले से जानकारी मिलने पर उचित उपचार कर फसल को बचाया जा सकता है।
गन्ने की अच्छी फसल पाने के तरीके
मिट्टी की जांच के बाद ही गन्ने की खेती करें।
· बुवाई के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का प्रयोग करें। इसके लिए स्वस्थ गन्ने के बीज नर्सरी से लिए जा सकते हैं।
· बुवाई से पहले बीजों को उपचारित अवश्य करें।
· बीज उपचार के लिए बीजों को थायोफैनेट मिथाइल 70 डब्ल्यूपी 0.5 प्रतिशत या कार्बेन्डाजिम 50 डब्ल्यूपी 0.1 प्रतिशत के घोल में डुबोएं। इसके बाद ही बुवाई करें।
· फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का अधिक प्रयोग न करें।
· फसल पर कभी भी असत्यापित स्रोतों से प्राप्त रसायनों का प्रयोग न करें।